सदा, सर्वदा सुमंगलकारिणी। नारी तू नारायणी। सदा, सर्वदा सुमंगलकारिणी। नारी तू नारायणी।
स्त्री की जगह स्त्री की जगह
बन बारिश की बूंदें जीवन को हरषाऊँ। बन बारिश की बूंदें जीवन को हरषाऊँ।
इसका नहीं कोई अंतिम छोर अपनी रूह को मेरी रूह से तू जोड़। इसका नहीं कोई अंतिम छोर अपनी रूह को मेरी रूह से तू जोड़।
किसी भी पुरुष के जीवन का किसी भी पुरुष के जीवन का